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सास ससुर को वश में करने का टोटका Totke For Control Someone

सास और बहू का झगड़ा आज हर घर में आम बात हो गई है। आज के दौर में ऐसा घर बड़ी मुश्किल से मिलेगा जहाँ पर सास बहू का झगड़ा न हो। कई बार ये झगड़ा इतना बढ़ जाता है कि दोनों साथ-साथ नहीं रहना चाहतीं और ये क्षण सबसे कठिन होते है। मात्र कुछ उपायों को करने से ये झगड़ा शांत हो सकता है। आइए जानें उन उपायों को।

सास को वश में रखने के वशीकरण टोटकेः

1. 13 दिन तक रोज़ आधी कटोरी दही लें और इसे एक पारदर्शी सफेद कपड़े से ढक दें और इसके ऊपर थोड़ी सी राख रख दें। अब कटोरी को रात भर ऐसे ही छोड़ दें ताकि राख दही का पानी सोखती रही। सुबह राख को अलग एक मिट्टी के मटके में इकठ्ठा कर लें और दही किसी मंदिर में चढ़ा दें। ऐसा रोज़ करें। तेहरवें दिन ऐसा करने के बाद राख से भरे हुए मटके को किसी नदी या समुद्र में बहा दें। राख अगर उपलों (गाय के गोबर से बने) की या फिर कच्चे कोयलों की हो तो अच्छा है। ये उपाय बहू द्वारा किया जाना चाहिए। इससे सास वश में होती है तथा घर में लड़ाई-झगड़ा नहीं होता है।

2. गाय के गोबर का दीपक बनाकर उसमें गुड़ तथा मीठा तेल डालकर जलाएं। फिर इसे घर के मुख्य द्वार के मध्य रखें। इस उपाय से सास-बहू में झगड़ा नहीं होता है और सास वश में रहती है।

3. सास का वशीकरण करने के लिए रोटी पर काली स्याही से सास का नाम लिखकर काली कुतिया को खिला दें।

4. घर में बर्तन गिरने टकराने की आवाज़ न आने दें।

5. घर के मुख्य द्वार के बाहर श्वेत आर्क का पौधा लगाने से अथवा पूजा स्थल पर श्वेतार्क गणेशजी की प्रतिमा स्थापित करने से भी सास-बहू का झगड़ा नहीं होता है।

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प्रेमिका को बुलाने का मंत्र

“मोहिनी माता, भूत पिता, भूत सिर वेताल। उड़ ऐं काली ‘नागिन’ को जा लाग। ऐसी जा के लाग कि ‘नागिन’ को लग जावै हमारी मुहब्बत की आग। न खड़े सुख, न लेटे सुख, न सोते सुख। सिन्दूर चढ़ाऊँ मंगलवार, कभी न छोड़े हमारा ख्याल। जब तक न देखे हमारा मुख, काया तड़प तड़प मर जाए। चलो मन्त्र, फुरो वाचा। दिखाओ रे शब्द, अपने गुरु के इल्म का तमाशा।”

विधि- मन्त्र में ‘नागिन’ शब्द के स्थान पर स्त्री का नाम जोड़े। शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से 8 दिन पहले साधना प्रारम्भ करे। एक शान्त एकान्त कमरे में रात्रि मे १० बजे शुद्ध वस्त्र धारण कर कम्बल के आसन पर बैठे। अपने पास जल भरा एक पात्र रखे तथा ‘दीपक’ व धूपबत्ती आदि से कमरे को सुवासित कर मन्त्र का जप करे। ‘जप के समय अपना मुँह स्त्री के रहने की स्थान / दिशा की ओर रखे। एकाग्र होकर घड़ी देखकर ठीक दो घण्टे तक जप करे। जिस समय मन्त्र का जप करे, उस समय स्त्री का स्मरण करता रहे। स्त्री का चित्र हो, तो कार्य अधिक सुगमता से होगा। साथ ही, मन्त्र को कण्ठस्थ कर जपने से ध्यान केन्द्रित होगा। इस प्रयोग में मन्त्र जप की गिनती आवश्यक नहीं है। उत्साह-पूर्वक पूर्ण संकल्प के साथ जप करे, सफलता जल्दी ही आपके कदम चूमेगी और कितनी भी कठोर ;दिल क्यों ना हो आपकी और खींची चली आएगी
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